संभल। गुरुवार को एसडीएम वंदना मिश्रा और सीओ अनुज चौधरी हयातनगर थाने के पीछे कब्रिस्तान में पहुंचे। जहां लोगों ने कुएं होने की जानकारी उन्हें दी थी। थाना पुलिस के साथ पहुंचे अधिकारियों ने कब्रिस्तान का निरीक्षण किया तो एक प्राचीन कुआं निकला।लेखपाल और अन्य कर्मचारियों को बुलाकर उसकी जांच पड़ताल की जा रही है। लाेग बतातें हैं कि कब्रिस्तान के नजदीक ही 68 तीर्थों में एक गोपंच तीर्थ है, लेकिन वह अब जर्जर हो चुका है। अधिकारी तीर्थ के बारे में भी जानकारी जुटा रहे हैं
प्राचीन मंदिर और कुएं का राजस्व विभाग ने किया निरीक्षण
वहीं दूसरी ओर, खग्गू सराय में एक प्राचीन मंदिर और कुएं की खोज ने क्षेत्र के लोगों के बीच उत्साह और जिज्ञासा पैदा कर दी है। राजस्व विभाग ने इस स्थल पर व्यापक निरीक्षण किया, जिसमें मंदिर के गर्भगृह में हनुमान जी की प्रतिमा और शिवलिंग की नपाई की गई। इस दौरान कुएं की ईंटों को खरोंचकर परखा गया। मौके पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई गई, जिससे भविष्य में इन साक्ष्यों का अध्ययन किया जा सके
नखासा थाना क्षेत्र के मुहल्ला खग्गू सराय में बिजली चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को एक बंद मंदिरनुमा भवन मिला था। दरवाजे पर लगा ताला तोड़कर जब अंदर देखा तो वहां हनुमान जी की प्रतिमा और शिव परिवार विराजमान थे, जो वर्षों से ताले में बंद थे और उनपर धूल जमीं थी। प्राचीन मंदिर मिलने की जानकारी जब लोगों को हुई तो वह मौके पर पहुंचने शुरू हो गए थे। इस दौरान कुछ हिंदुओं ने बताया कि वह पहले इस इलाके में रहा करते थे। जो 1978 के दंगे के बाद यहां से पलायन कर गए थे।
उन्होंने बताया कि यह मंदिर भी 46 वर्षों से बंद पड़ा था। जो करीब 500 वर्षों से भी अधिक पुराना है। खोदाई करने पर मंदिर के बराबर में ही एक कुआं मिला। जिसमें से तीन देव मूर्तियां मिली थीं। प्राचीन मंदिर और उसके पास बने कुएं का राजस्व विभाग ने निरीक्षण किया। राजस्व विभाग की टीम ने इस स्थल का निरीक्षण करते हुए इसके संरचनात्मक और ऐतिहासिक महत्व को समझने की कोशिश की।
मंदिर के गर्भगृह में हनुमान जी की प्रतिमा और शिवलिंग सहित शिव परिवार की मापदंड और नपाई की गई, जिससे विभाग में उनका उल्लेख किया जा सके। बाहर से मंदिर के दरवाजे और दीवारों को भी नापा गया। मंदिर की लंबाई चौड़ाई नापने के साथ ही आसपास भी निरीक्षण किया। वहीं, मंदिर परिसर में मौजूद कुएं की ईंटों को खरोंचकर उनकी गुणवत्ता और निर्माण काल का आकलन करने की कोशिश की गई।
जांच के दौरान मंदिर परिसर की पूरी पैमाइश की गई। मंदिर के भुर्ज की भी नपाई भी की गई। मंदिर और कुएं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस दौरान फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई गई, ताकि इन साक्ष्यों को भविष्य में संरक्षित किया जा सके। इसमें नायब तहसीलदार सतेंद्र चाहर के साथ अन्य राजस्व कर्मी मौजूद रहे।
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